विश्व में हिन्दी की लोकप्रियता
****************************************
विश्व के लगभग १३७ देशों में हिन्दी भाषी तथा हिन्दी प्रेमी हैं। मॉरीशस की संसद ने १२ नवम्बर २००२ को एक अधिनियम केद्वारा विश्व हिन्दी सचिवालय की स्थापना की। इसके उद्देश्यों में प्रमुख थे -
१. हिन्दी को विश्व भाषा के रूप में प्रोन्नत करना।
२. हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की अधिकृत भाषा बनाने
के लिए प्रयत्न करना।
३. हिन्दी में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, संगोष्ठी, समूह विचार-
विमर्श तथा चर्चा एवं कवि-सम्मेलन जैसे सांस्कृतिक
कार्यक्रमों का आयोजन करना।
४. हिन्दी के विद्वानों को सम्मानित/पुरस्कृत करना।
५. हिन्दी में शोधकार्य के लिए प्रलेखन केंद्र स्थापित
करना।
६. अंतरराष्ट्रीय हिन्दी पुस्तकालय की स्थापना करना।
७. अंतरराष्ट्रीय हिन्दी पुस्तक मेले का आयोजन करना।
१९९८ के पूर्व मातृ भाषियों की संख्या की दृष्टि से विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के जो आँकडे उपलब्ध हुए, उनमेंहिन्दी को तीसरा स्थान प्राप्त था। प्रो। महावीर सरन जैन, केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के निदेशक ने यूनेस्को की टेक्नीकल कमेटीफार द वर्ल्ड लैंग्वेजज को प्रामाणिक आँकडों एवं तथ्यों के आधार पर यह सिद्ध किया कि विश्व में चीनी के बाद दूसरा स्थानहिन्दी का है|
Monday, November 17, 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment