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Chandrayan-1 |
वैज्ञानिकों ने एलएलआरआई द्वारा भेजे गए आंकड़ों का शुरुआती आकलन कर लिया है । इससे यह संकेत मिला है कि यह यंत्र सामन्य ढंग से काम कर रहा है । इसरो द्वारा जारी एक बयान में ये बातें कही गई हैं ।
यह यंत्र चंद्रमा की सतह के एक हिस्से की तरफ इन्फ्रारेड लेजर किरणें भेजता है और उस प्रकाश के परवर्तित हिस्से को पहचान लेता है । इसके साथ ही यह यंत्र चंद्रमा की सतह की संरचना की ऊंचाई का सटीक आकलन कर लेता है ।
एलएलआरआई के आंकड़ों के विस्तृत विश्लेषण से चंद्रमा की आंतरिक संरचना के साथ-साथ चंद्रमा के विकास की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी । इसके पहले चंद्रयान-I के तीन अन्य यंत्रों को चालू किया जा चुका है । इसमें मैपिंग करने वाला कैमरा, रेडियेशन डोज मॉनीटर और मून इम्पेक्ट प्रोब शामिल हैं ।
भारतीय तिरंगे के साथ मून इम्पेक्ट प्रोब नामक यंत्र को 14 नवंबर को यान से छोड़ दिया गया । 25 मिनट बाद वह चंद्रमा की सतह पर वैसे ही गिरा, जैसे उसे निर्देशित किया गया था । कैमरे ने चंद्रमा तक पहुंचने के क्रम में पृथ्वी और चंद्रमा, दोनों की तस्वीरें लीं ।
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