Monday, November 17, 2008

चंद्रयान १

चंद्रयान
****************************


Chandrayan-1
चांद पर पहुंचने के भारत के अभियान को आज एक और सफलता मिली है । चांद के पास भेजे गए यान चंद्रयान-I पर स्थापित ल्यूनर लेजर रेंजिंग इन्स्ट्रूमेंट (एलएलआरआई) आज चालू हो गया । चंद्रयान-I पर भेजे गए 11 पेलोड में यह यंत्र भी शामिल था । यह काम तब हुआ, जब यान चंद्रमा के दिखने वाले गोलार्द्ध के पश्चिमी हिस्से के ऊपर से गुजर रहा था । यह यंत्र वहां से डाटा भेजने का काम करता है ।

वैज्ञानिकों ने एलएलआरआई द्वारा भेजे गए आंकड़ों का शुरुआती आकलन कर लिया है । इससे यह संकेत मिला है कि यह यंत्र सामन्य ढंग से काम कर रहा है । इसरो द्वारा जारी एक बयान में ये बातें कही गई हैं ।

यह यंत्र चंद्रमा की सतह के एक हिस्से की तरफ इन्फ्रारेड लेजर किरणें भेजता है और उस प्रकाश के परवर्तित हिस्से को पहचान लेता है । इसके साथ ही यह यंत्र चंद्रमा की सतह की संरचना की ऊंचाई का सटीक आकलन कर लेता है ।

एलएलआरआई के आंकड़ों के विस्तृत विश्लेषण से चंद्रमा की आंतरिक संरचना के साथ-साथ चंद्रमा के विकास की प्रक्रिया को समझने में मदद मिलेगी । इसके पहले चंद्रयान-I के तीन अन्य यंत्रों को चालू किया जा चुका है । इसमें मैपिंग करने वाला कैमरा, रेडियेशन डोज मॉनीटर और मून इम्पेक्ट प्रोब शामिल हैं ।

भारतीय तिरंगे के साथ मून इम्पेक्ट प्रोब नामक यंत्र को 14 नवंबर को यान से छोड़ दिया गया । 25 मिनट बाद वह चंद्रमा की सतह पर वैसे ही गिरा, जैसे उसे निर्देशित किया गया था । कैमरे ने चंद्रमा तक पहुंचने के क्रम में पृथ्वी और चंद्रमा, दोनों की तस्वीरें लीं ।


No comments: